उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां बड़ी संख्या में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार रहते हैं। ऐसे परिवारों के लिए बेटियों की शादी एक बड़ी चिंता होती है, क्योंकि शादी के खर्चे, सामाजिक रीतियां और आर्थिक बोझ माता-पिता को मुश्किल में डाल देते हैं। इसी समस्या के हल के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ की शुरुआत की है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को शादी के मौकों पर आर्थिक सहायता मिल सके।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब, वंचित और जरूरतमंद वर्ग की बेटियों व विधवा या तलाकशुदा महिलाओं के पुनर्विवाह में सहायता करना है। यह योजना न सिर्फ विवाह के खर्च को कम करने के लिए बनी है, बल्कि सामाजिक समरसता और दहेज प्रथा जैसी बुराईयों को रोकने का भी प्रयास है। इसके अलावा, सामूहिक विवाह से फिजूलखर्ची की जगह सादगी, सम्मानजनक और सुगम विवाह परंपरा को भी बढ़ावा मिलता है।
UP Samuhik Vivah Yojana
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित की जाती है। पहले प्रत्येक जोड़े को इस योजना में 51,000 रुपये न्यूनतम सहायता राशि दी जाती थी, जिसे अब वर्ष 2025 से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। योजना का लाभ ऐसे परिवारों को मिलता है, जिनकी वार्षिक आय आमतौर पर निर्धारित सीमा (2 लाख या 3 लाख रुपये से कम) के अंदर आती है और जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। योजना का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, BPL, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक बेटियों के लिए है।
क्या-क्या मिलता है योजना में?
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत हर नवविवाहित जोड़े को कुल 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। इसमें से करीब 60,000 रुपये सीधे नवविवाहित कन्या के बैंक खाते में डीबीटी (सीधे लाभ राशि अंतरण) के माध्यम से ट्रांसफर किए जाते हैं। करीब 25,000 रुपये विवाह सामग्री – जैसे कपड़े, बर्तन, चांदी की बिछिया, पायल, स्टील डिनर सेट, प्रेशर कुकर, ट्रॉली बैग, वैनिटी किट, दीवार घड़ी आदि के लिए खर्च किए जाते हैं। शेष 15,000 रुपये शादी समारोह के आयोजन और अन्य जरूरी खर्चों के लिए उपयोग होते हैं।
यदि नवविवाहिता विधवा, तलाकशुदा या पति द्वारा छोड़ी गई महिला है, तो भी उसे योजना की राशि मिल सकती है, बशर्ते वह अन्य सभी पात्रता शर्तें पूरी करती हो। यदि लाभार्थिनी गोद ली गई बेटी है, तो गोदनामा या अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर लाभ उठाया जा सकता है।
योजना के लिए पात्रता शर्तें
- आवेदनकर्ता उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- कन्या की उम्र शादी के समय कम से कम 18 वर्ष और पुरुष वर की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय तय सीमा से कम होनी चाहिए (आमतौर पर 2-3 लाख रुपये)।
- आवेदक BPL, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक श्रेणी आदि में भी हो सकते हैं।
- सामूहिक विवाह के लिए कम से कम 10 जोड़ों का समूह होना जरूरी है।
आवेदन प्रक्रिया
सरकारी वेबसाइट या समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन की मुख्य प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सबसे पहले वेबसाइट (सीएमएसवीवाय) पर जाएं और आवेदन लिंक पर क्लिक करें।
- वर-वधू के आधार कार्ड नंबर, जन्मतिथि व पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- OTP दर्ज करके ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
- खुलने वाले फॉर्म में आवेदक व परिवार की जानकारी, विवाह संबंधित जानकारी, आय का प्रमाण पत्र, बैंक खाते का विवरण, फोटो, जाति प्रमाण पत्र आदि अपलोड करें।
- कैप्चा कोड भरकर फॉर्म को सबमिट करें और उसका प्रिंटआउट समाज कल्याण कार्यालय में जमा करें।
समाज कल्याण विभाग द्वारा आवेदन की जांच की जाती है और पात्र लाभार्थियों की शादी सामूहिक रूप से जिला अधिकारी की निगरानी में आयोजित की जाती है। शादी के बाद तय राशि बैंक खाते में आती है और अन्य वस्तुएं या सुविधाएं योजना के अनुसार उपलब्ध होती हैं।
जरूरी दस्तावेज
आवेदन के समय निम्न दस्तावेज अपेक्षित होते हैं:
- वर-वधू के आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र (6 माह पुराना न हो)
- बैंक पासबुक की छाया प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)
योजना की प्रमुख विशेषताएं
यह योजना खासकर गरीब व वंचित वर्ग के परिवारों के लिए बहुत बड़ी राहत है। इससे कर्ज का बोझ कम होता है, सामाजिक सम्मान बढ़ता है, सामूहिक विवाह की सादगी और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। सबसे अहम बात, इसमें बेटियों के लिए जरूरी चीजों की व्यवस्था के साथ उनका भविष्य सुरक्षित बनाने की सोच भी छुपी है। सरकार समय-समय पर पात्रता, सहायता राशि आदि में परिवर्तन करती रहती है ताकि अधिकतम लोगों तक इसका लाभ पहुंचे।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश के हजारों गरीब परिवारों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। इससे बेटियों की शादी सम्मानजनक तरीके से हो पाती है और परिवार पर आर्थिक बोझ कम होता है। सरकारी सहायता सीधे खाते में और शादी सामग्री के रूप में मिलती है, जिससे परिवारों का जीवन आसान बनता है। इस प्रकार, यह योजना केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी एक मजबूत कदम है।