देशभर में करोड़ों लोगों ने सहारा इंडिया परिवार की विभिन्न योजनाओं में अपनी गाढ़ी कमाई निवेश की थी। पिछले कई वर्षों से, इन निवेशकों का पैसा कंपनी की कानूनी और वित्तीय समस्याओं के कारण फंसा हुआ था। निवेशकों को उम्मीद थी कि उनका पैसा किसी दिन वापस मिलेगा, लेकिन लंबे इंतजार ने उन्हें चिंता और मुश्किलों में डाल दिया।
अब 2025 में बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सहारा इंडिया में निवेश करने वालों को उनका फंसा हुआ पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। खास बात यह है कि इस बार रिफंड की अधिकतम सीमा को बढ़ा दिया गया है और अब एक साथ ₹1 लाख तक की रकम निवेशकों को वापस मिल सकती है। यह पैसा सीधे निवेशकों के बैंक अकाउंट में जमा किया जा रहा है, जिससे उन्हें पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों मिल रही है।
Sahara India Refund 2025
सहारा इंडिया रिफंड 2025 केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू की गई विशेष प्रक्रिया है। इसका मकसद उन निवेशकों को जल्द से जल्द पैसा वापस देना है, जिन्होंने सहारा परिवार की मुख्य चार कोऑपरेटिव सोसाइटियों में राशि जमा की थी। यह प्रक्रिया चरणवार चल रही है।
पहले केवल ₹10,000 की सीमित रकम लौटाई जाती थी, लेकिन 1 जुलाई 2025 से नया नियम लागू हो गया है जिसके तहत हर पात्र निवेशक को पहली किस्त में ₹1 लाख तक की राशि मिल सकती है। भविष्य में यह सीमा और भी बढ़ने की संभावना है। सरकार पेमेंट की प्रक्रिया को सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से संचालित कर रही है, जिससे दलालों और एजेंटों की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।
इस रिफंड स्कीम में पैसा केवल उन निवेशकों को मिल रहा है जिन्होंने सहारा की प्रमुख चार कोऑपरेटिव सोसाइटी—सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड आदि—में 2014 से पहले निवेश किया था।
कितना पैसा और किसे मिलेगा?
नई व्यवस्था के तहत हर पात्र निवेशक फिलहाल ₹1 लाख तक की राशि पाने के पात्र हैं। बिजनेस रूल्स के मुताबिक जिन निवेशकों का पैसा ज्यादा है, उन्हें भी एक-एक लाख की किस्तों में रिफंड मिलेगा।
श्रेणी | अधिकतम रिफंड (1 जुलाई 2025 से) |
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पात्र निवेशक | ₹1,00,000 (प्रथम किस्त) |
भविष्य की संभावित सीमा | ₹5,00,000 तक (आने वाले समय में) |
सरकार के अनुसार, जिन निवेशकों को पहले ₹10,000 या छोटी राशि मिल चुकी थी, उन्हें अब अधिकतम ₹1 लाख और मिल सकता है। अगर निवेश की राशि इससे अधिक है, तो आगे आने वाले चरणों में किश्तों के रूप में पेमेंट किए जाएंगे।
रिफंड के लिए आवेदन कैसे करें?
रिफंड पाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया को चुना है। निवेशकों को सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। वहां आधार, बैंक डिटेल्स, निवेश का प्रमाण और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं।
रिफंड की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। रजिस्ट्रेशन के बाद चयनित निवेशकों की सूची भी पोर्टल पर जारी की जाती है, ताकि सभी को पता चल सके कि उनका नाम आया है या नहीं। हर चरण में निवेशकों को मैसेज व बैंक डिटेल्स के आधार पेमेंट दी जाती है।
प्रमुख दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- पासबुक की कॉपी
- निवेश प्रमाण
- फोटो
- मोबाइल नंबर
किसको मिलेगा फायदा?
ऊपर बताई गई चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसा जमा करने वाले वो सभी निवेशक, जिन्होंने अपनी रकम का दावा रिफंड पोर्टल पर रजिस्टर किया है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जिन निवेशकों की रकम अभी अटकी है, उन्हें यह प्रक्रिया उनके पैसे की वापसी का सुनहरा मौका देती है।
सरकार की पहल और निवेशकों की राहत
सरकार और कोर्ट की निगरानी में चल रही इस रिफंड प्रक्रिया ने निवेशकों में भारी राहत पहुंचाई है। वर्षों से चिंता में पड़े परिवारों को उम्मीद की किरण दिख रही है। पहले सिर्फ छोटी राशि वापस मिल रही थी, जबकि अब बड़ी राशि सीधे बैंक में आ रही है।
ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण निवेशकों को एजेंट या दलाल से बचने में आसानी हो रही है। सीधा पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कर पेमेंट ट्रैक करना भी आज आसान है। अगर आपने भी सहारा की योजनाओं में पैसा लगाया है और अब तक रिफंड नहीं लिया, तो जल्द पंजीकरण कर इसका लाभ उठाएं।
नई रिफंड स्कीम ने लंबे समय से फंसे पैसे के लिए निवेशकों में फिर से भरोसा पैदा किया है। सरकार सबके हित में इस काम को तेज गति से पूरा करने का प्रयास कर रही है।